Monday, February 25, 2019

食品安全纳入地方政绩考核 造成严重影响将从重追责

  中新网2月25日电 据市场监管总局微信公众号消息,中共中央办公厅、国务院办公厅近日印发《地方党政领导干部食品安全责任制规定》,《规定》明确地方各级党委和政府对本地区食品安全工作负总责,对工作不力导致重大或特别重大食品安全事故,或者造成严重不良影响的,应当从重追究责任。

  中共中央办公厅、国务院办公厅近日印发《地方党政领导干部食品安全责任制规定》,对地方党政领导干部食品安全职责、考核监督、奖惩等作出明确规定。市场监管总局有关负责人就相关问题回答了记者提问。

  负责人表示,《规定》的出台,为食品安全工作提供了新的制度保障,将更加有力地督促地方落实食品安全属地管理责任,推动提升地方食品安全工作水平,更好保障人民群众“舌尖上的安全”。

  负责人介绍,《规定》明确地方各级党委和政府对本地区食品安全工作负总责,主要负责人是本地区食品安全工作第一责任人,班子其他成员对分管行业或者领域内的食品安全工作负责。

  负责人称,《规定》也明确了三大督促落实的手段。一是跟踪督办。明确地方各级党委和政府应当对落实食品安全重大部署、重点工作情况进行跟踪督办。二是履职检查。明确地方各级党委应当结合巡视巡察工作安排,对地方党政领导干部履行食品安全工作职责情况进行检查。三是评议考核。明确地方各级党委和政府应当充分发挥评议考核“指挥棒”作用,推动地方党政领导干部落实食品安全工作责任。《规定》着重强化了结果运用,明确跟踪督办、履职检查、评议考核结果应当作为地方党政领导干部考核、奖惩和使用、调整的重要参考。

  关于奖惩,负责人介绍,《规定》明确及时有效组织预防食品安全事故和消除重大食品安全风险隐患,使国家和人民群众利益免受重大损失的;在食品安全工作中有重大创新并取得显著成效的;连续在食品安全工作评议考核中成绩优秀等情形的,按照有关规定给予表彰奖励。

  而未履行《规定》职责和要求,或者履职不到位的;对本区域内发生的重大食品安全事故,或者社会影响恶劣的食品安全事件负有领导责任的;对本区域内发生的食品安全事故,未及时组织领导有关部门有效处置,造成不良影响或者较大损失的;对隐瞒、谎报、缓报食品安全事故负有领导责任的;违规插手、干预食品安全事故依法处理和食品安全违法犯罪案件处理等情形的,应当按照有关规定进行问责。

  《规定》还提到,及时报告失职行为并主动采取补救措施,有效预防或者减少食品安全事故重大损失、挽回社会严重不良影响,或者积极配合问责调查,并主动承担责任的,按照有关规定从轻、减轻追究责任;对工作不力导致重大或特别重大食品安全事故,或者造成严重不良影响的,应当从重追究责任。

Tuesday, February 19, 2019

تفجير الأزهر: مقتل 3 من أفراد الشرطة المصرية

قتل 3 من أفراد الشرطة المصرية، بينهم ضابط، وجرح 6 آخرون لدى تعقب "إرهابي" في محيط الجامع الأزهر بالقاهرة.

وبحسب بيان صادر عن وزارة الداخلية، فإن قوات الأمن كانت تتعقب مساء الاثنين شخصا ألقى عبوة ناسفة بدائية الصنع استهدفت نقطة أمنية متحركة أمام مسجد الاستقامة بالجيزة الجمعة الماضية.

وأوضح البيان أن قوات الأمن حاصرت "الإرهابي"، لكن عبوة ناسفة كانت بحوزته انفجرت.

وأشارت وزارة الداخلية إلى أن القتلى والمصابين ينتمون لقطاع الأمن الوطني والبحث الجنائي. وتقول مصادر طبية إن سيدة وشخصين، بينهما طالب تايلاندي، أصيبوا في الانفجار.

وأمرت النيابة العامة بالتحقيق في الحادث، وأدان الأزهر "التفجير الانتحاري".

وبث التلفزيون الرسمي صورة للمشتبه به في الحادث، وأوضح أنه يُدعى الحسن عبد الله (37 سنة).

وكانت عبوة ناسفة انفجرت أثناء تفكيكها عقب صلاة الجمعة أمام مسجد الاستقامة بالجيزة أصابت شرطيا وعددا من المواطنين بإصابات طفيفة.

ويأتي ذلك بعد يومين على استهداف نقطة أمنية بشمال سيناء، وهو حادث تبناه تنظيم الدولة الإسلامية، وأسفر عن مقتل ضابط و14 جندياً جميعهم من قوات التدخل السريع التابعة للجيش.

تبنت جماعة "ولاية سيناء" الهجوم الذي استهدف مطار العريش في محافظة شمال سيناء بقذيفة، مما أسفر عن مقتل ضابط في الجيش المصري واصابة اثنين آخرين.

وقالت وكالة اعماق التابعة لتنظيم الدولة الاسلامية إن "مقاتلي الدولة الإسلامية كانوا على علم بوصول صدقي صبحي القائد العام للقوات المسلحة ومجدي عبد الغفار وزير الخارجية إلى مطار العريش".

واضافت أعماق "تم استهداف إحدى طائرات الاباتشي التابعة للوفد بصاروخ من طراز كورنيت، ما أسفر عن مقتل ضابطين برتبة طيار وعقيد بالجيش واصابة اثنين آخرين".

وبحسب بيان للمتحدث العسكري باسم الجيش وقع الهجوم أثناء زيارة لوزيري الدفاع والداخلية لمدينة العريش لتفقد الحالة الأمنية.

وأضاف البيان أن الهجوم أسفر عن حدوث "تلفيات جزئية بإحدى المروحيات" موضحا أن "عناصر القوات المسلحة والشرطة تعاملت مع مصدر النيران وتمشط المنطقة المحيطة".

10 معلومات مهمة عن شبه جزيرة سيناء المصرية
ما هي الجماعات المسلحة في مصر؟
وتشهد سيناء نشاطا مكثفا لمسلحين يشنون هجمات على قوات الأمن والجيش، منذ أن عزل الجيش الرئيس السابق محمد مرسي إثر مظاهرات حاشدة ضد سياسة إدارته للبلاد في يوليو / تموز 2013.

وتشن قوات الأمن والجيش في مصر حملة عسكرية موسعة في شمال سيناء منذ سنوات، تستهدف القضاء على الجماعات المسلحة في شبه جزيرة سيناء.

وقتل المئات من أفراد الجيش والشرطة والمدنيين، راح غالبيتهم ضحايا هجمات شنتها جماعة "ولاية سيناء" المرتبطة بتنظيم الدولة الإسلامية.

Wednesday, February 13, 2019

राफेल सौदे पर उठे वे सवाल जिनको CAG रिपोर्ट में भी किया गया स्वीकार

राफेल पर संसद में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को जहां सरकार अपनी जीत बता रही है, वहीं विपक्ष अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि इस सौदे में गड़बड़ नहीं हुई है. CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने जो डील की है, वह यूपीए की डील से कुल 2.86 फीसदी सस्ती है. हालांकि इस रिपोर्ट में सीएजी ने भी कई ऐसे बिंदुओं को स्वीकार किया है, जिनका इस सौदे को लेकर सवाल उठाने वाले लोग संकेत करते रहे हैं. कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं-

1. कीमतों की तुलना मुश्किल

सबसे पहले यह बात समझ लें कि सीएजी ने राफेल पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट की शुरुआत में ही यह साफ कर दिया है कि यूपीए और एनडीए, दोनों सौदों में कीमत की बिल्कुल सही तुलना नहीं हो सकती. इसकी वजह यह है कि यूपीए के दौरान जो प्रस्तावित सौदा था, उसमें विमानों के भारत में उत्पादन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लाइसेंस देने की बात थी. लेकिन मोदी सरकार के सौदे में ऐसा कुछ नहीं है.

सीएजी ने कहा है, '2007 और 2015 के ऑफर की तुलना करने में कई कठिनाइयां है, जैसे 2007 वाले प्रस्ताव में भारत में 108 विमानों के लाइसेंसी उत्पादन की कीमत भी शामिल थी, जबकि 2015 के प्रस्ताव में सिर्फ फ्लाइअवे विमान की बात की गई है. इसलिए तुलना सिर्फ 18 फ्लाइअवे विमानों के कीमत की हो सकती है.

2. यूरोकाफ्टर ने की थी 20 फीसदी सस्ता देने की पेशकश

रिपोर्ट के अनुसार जब यूपीए सरकार के सौदे में गतिरोध आ गया था तो उसके बाद नई सरकार बनने के बाद जुलाई 2014 में यूरोकाफ्टर बनाने वाली कंपनी ईएडीएस ने राफेल से 20 फीसदी कम कीमत पर विमान देने की पेशकश की थी. लेकिन रक्षा मंत्रालय ने कुछ वजह बताकर उसका यह ऑफर स्वीकार नहीं किया.

3. 57 फीसदी कम कीमत के ऑफर को बताया अव्यावहारिक

भारत की तरफ से निगोशिएशन करने वाली टीम ने डिस्काउंट की उम्मीद, मार्केट स्टडी और दसॉ एविएशन की सालाना रिपोर्ट में बताई गई बिक्री कीमत के आधार पर जो बेंचमार्क कीमत तय की थी वह फ्रांसीसी कंपनी के शुरुआती प्रस्ताव से करीब 57 फीसदी कम था. हालांकि सीएजी ने भी इस कीमत को अव्यावहारिक बताया है.

4. न तो बैंक गारंटी और न ही सॉवरेन गारंटी

रिपोर्ट में कहा गया कि पहले तय किया गया था कि फ्रांसीसी कंपनी सौदे पर 15 फीसदी की बैंक गारंटी देगी. कानून एवं न्याय मंत्रालय ने यह सुझाव दिया था कि सौदे पर फ्रांस तरफ से बैंक और सॉवरेन गारंटी ली जाए. लेकिन न तो कंपनी इस पर बैंक गारंटी देने को तैयार हुई और न ही फ्रांस की तरफ से कोई सॉवरेन गारंटी दी गई. इसकी जगह एक 'लेटर ऑफ कॉम्फर्ट' प्रदान किया गया.

5. बैंक गारंटी न मिलने से दसॉ को बचत

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक गांरटी और बैंक चार्ज न देने की वजह से जो पैसा वेंडर यानी दसॉ का बच रहा है वह रक्षा मंत्रालय को मिलना चाहिए. रक्षा मंत्रालय ने सीएनजी के इस अनुमान को स्वीकार किया कि कंपनी की इस मद में कितनी बचत हो रही है. पर मंत्रालय ने कहा कि नए प्रस्ताव में यह लागू नहीं है. लेकिन सीएजी का कहना है कि यह 2007 की तुलना में दसॉ एविएशन को एक तरह की बचत ही है.

6. समय से आपूर्ति पर संदेह

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय निगोशिएशन टीम ने इस बारे में संदेह किया था कि विमानों की आपूर्ति 71 महीनों के तय अवधि में हो पाएगी. टीम ने कहा था कि दसॉ हर साल 11 विमान का उत्पादन करती है और बैकलॉग को देखते हुए ऐसा लगता है कि यही गति रही तो आपूर्ति में सात साल से ज्यादा समय लग जाएगा. इस पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दसॉ के प्रोजेक्ट समय पर चल रहे हैं और इसकी एक अंतर सरकारी द्विपक्षीय टीम के द्वारा गहराई से निगरानी की जा रही है.

Wednesday, February 6, 2019

कहीं टूथपेस्ट आपके दांत ख़राब न कर दें

हमारे घरों में हमें सुबह-शाम टूथब्रश करना तो सिखाया जाता है लेकिन बचपन में क्या किसी ने आपको ये बताया था कि टूथपेस्ट कितना लेना चाहिए?

शायद ही कहा हो...

लेकिन अमरीका स्थित सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के एक अध्ययन के मुताबिक़ तीन से छह साल तक के बच्चों के ब्रश पर मटर के दाने जितना ही टूथपेस्ट लगाना चाहिए.

टूथपेस्ट की बहुत अधिक मात्रा बच्चे के दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है.

शुक्रवार को जारी हुई स्टडी के अनुसार, "क़रीब चालीस फ़ीसदी अभिभावक अपने बच्चों को तय मात्रा से अधिक टूथपेस्ट देते हैं. जिस उम्र में बच्चों के दांत निकल रहे हों, उस उम्र में बच्चों को कम टूथपेस्ट देना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने से उन्हें डेंटल फ़्लोरोसिस की शिकायत हो सकती है."

अमरीकन डेंटल असोसिएशन की वेबसाइट के मुताबिक इसकी बड़ी वजह ये है कि टूथपेस्ट में फ़्लोराइड होता है, जो आमतौर पर दांतों को बैक्टीरिया से सुरक्षित रखता है. लेकिन इसकी अधिक मात्रा दांत की ऊपरी परत को घिस देती है. छोटे बच्चों के लिए टूथपेस्ट का कम इस्तेमाल करने की सलाह इसलिए भी दी जाती है क्योंकि टूथपेस्ट के अलावा पानी भी फ़्लोराइड का एक स्त्रोत है. ऐसे में दांतों पर इससे भी असर पड़ता है.

स्टडी के मुताबिक़, फ्लोरिसस का असर सिर्फ़ उन बच्चों के दांतों पर होता है जिनके दांत आ रहे होते हैं. इससे डेंटल हेल्थ पर पूरी तरह तो असर नहीं पड़ता लेकिन अगर फ़्लोराइड की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया जाए तो दांत बदरंग हो सकते हैं. इस तत्व की बहुत अधिक मात्रा दांतों की बनावट पर भी असर डाल सकती है.

ज़रूरी है कि पता हो टूथपेस्ट में क्या-क्या मिला है?

इंडियन डेंटल असोसिएशन (आईडीए) की वेबसाइट पर छपी जानकारी के अनुसार, टूथपेस्ट सिर्फ़ दांत साफ़ करने का काम नहीं करता बल्कि यह दांतों को सुरक्षित रखने के लिए भी ज़रूरी है.

वेबसाइट के मुताबिक, कोई भी टूथपेस्ट ख़रीदने से पहले उस पर असोसिएशन की मान्यता ज़रूर जांच लें. आमतौर पर टूथपेस्ट में पांच तत्व शामिल होते हैं.

दिल्ली स्थित पीडोडेंटिस्ट डॉ. स्वाति भी इस स्टडी का समर्थन करती हैं. वो कहती हैं, "बच्चों के लिए अगर संभव हो तो फ़्लोराइड मुक्त टूथपेस्ट इस्तेमाल किया जा सकता है. क्योंकि कई बार बच्चे टूथपेस्ट घोंट भी जाते हैं और टूथपेस्ट में मौजूद फ़्लोराइड उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है."

वो कहती हैं, "'टूथपेस्ट चुनते समय अपने दांतों की क्वालिटी का ध्यान ज़रूरी रखें. सबके दांत की क्वालिटी और सेंसटिविटी अलग होती है तो टूथपेस्ट उसी हिसाब से लें. "

आईडीए के मुताबिक, टूथब्रश का इतिहास 3500-3000 ईसा पूर्व का है. 1600 ईसा पूर्व में चीनियों ने च्यूइंग स्टिक का विकास किया और इसके बाद 15वीं शताब्दी में चीनियों ने सूअर की गर्दन के बालों से ब्रसल्स वाले ब्रश का निर्माण किया. यूरोप में भी ब्रश बनाए गए लेकिन घोड़े के बालों से.

इसके बाद धीरे-धीरे टूथब्रश का प्रारूप बदलता गया और आज बाज़ार में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं.

अब तो इलेक्ट्रिक ब्रश भी आ गए हैं. लेकिन डॉ. स्वाति की मानें तो जितना ज़रूरी टूथपेस्ट को सेलेक्ट करना है, उतना ही अहम है कि हम पूरी सावधानी से अपना ब्रश चुनें.

वो कहती हैं "ब्रश चुनते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि ब्रसल्स मुलायम हों और ब्रश के हैंडल की ग्रिप अच्छी हो. दांतों पर ब्रश रगड़ें नहीं, हल्के हाथों से फेरें. ज़्यादा ज़ोर से रगड़ने पर दांतों की ऊपरी परत पर असर पड़ता है."

लेकिन कितनी बार ब्रश करें ?

बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि वो जितना ज़्यादा ब्रश करेंगे उनके दांत उतने ही मज़बूत होंगे लेकिन इसमें थोड़ा विरोधाभास है. बहुत अधिक ब्रश करना भी दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह डेंटिस्ट भी देते हैं और ये भी कहते हैं कि जब भी कुछ खाएं उसके बाद पानी से मुंह ज़रूर साफ़ कर लें ताकि खाने का कोई कण फंसा न रह जाए.

डॉ स्वाति इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं "दो टाइम ब्रश करना ज़रूरी है. पहला दांत आने के बाद से ही बच्चे के दांत साफ़ करना शुरू कर देना चाहिए. अमूमन छह माह में पहला दांत आ जाता है लेकिन तब ब्रश कराना संभव नहीं होता तो किसी मुलायम कॉटन के कपड़े से दांत साफ़ कर देना चाहिए."

लेकिन बावजूद इसके ज़्यादातर लोगों को दांत से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती ही है, ऐसे में आप आईडीए की वेबसाइट पर मौजूद इन तीन सूत्रों का पालन करके दांत को सेहतमंद रख सकते हैं

Monday, February 4, 2019

मोदी के मंत्री बोले- राजदार को बचाने के लिए धरने पर बैठीं ममता बनर्जी

चिटफंड केस में केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamata Banerjee Dharna) आमने-सामने आ गए हैं. इतना ही नहीं केंद्र की जांच एजेंसी सीबीआई और राज्य की पुलिस (Police Vs CBI) में भी टकराव खुलकर देखने को मिल रहा है. अब पूरा मामला डराने, धमकाने, राजनीतिक द्वेष की भावना से कार्रवाई करने से लेकर भ्रष्टाचारियों को बचाने तक पहुंच गया है. इस विवाद के बीच कोलकाता पहुंचे बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले के राजदार को बचाने के लिए ये धरना किया जा रहा है.

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा कि वह पुलिस कमिश्नर को बचाना चाहती हैं या खुद को बचाना चाहती हैं. उन्होंने ममता बनर्जी से पूछा कि आप क्या छुपाना चाहती हैं.

जावड़ेकर ने कहा कि कुणाल घोष, सुदीप बंदोपाध्याय, तापस पाल समेत मदन मित्रा जैसे तृणमूल कांग्रेस के नेता गिरफ्तार हुए, लेकिन कभी ममता बनर्जी ने धरना नहीं दिया. उन्होंने सवाल उठाए कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पास ऐसा क्या है कि ममता बनर्जी जी ने पूरी ताकत झोंक दी है.

प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि चिटफंड के मालिक ने कहा था कि एक लाल डायरी और पेन ड्राइव है, उसमें काफी मसाला है. उसमें अनेक लोगों के नाम हैं, जिसमें पैसों की जानकारी है. अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपी गई जांच की जा रही है तो वह ममता बनर्जी इससे भाग क्यों रही हैं.

राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई के आरोप पर प्रकाश जावड़ेकर ने अपनी सफाई में कहा कि यह केस ममता बनर्जी के मित्र राहुल गांधी की पार्टी यानी पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने कराया था और सीबीआई को जांच सुप्रीम कोर्ट ने सौंपी थी. ऐसे में बीजेपी पूछता चाहती है कि वह जांच से क्यों भाग रही हैं और पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए धरना क्यों कर रही हैं. जावड़ेकर ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री उठकर पुलिस कमिश्नर के घर गईं, और यही नहीं पुलिस कमिश्नर, डीजी और एडीजी भी धरने पर बैठ गए. उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि चिटफंड घोटाले के राजदारों को बचाने के लिए सीएम धरने पर बैठी हैं और यह विपक्षी एकजुटता घोटाले करने वालों की है.

लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (एक स्थान के फायदे से पांचवें स्थान पर) और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (छह स्थान के फायदे से 17वें स्थान पर) की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है.

इस नवीनतम रैंकिंग के दौरान न्यूजीलैंड सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की वनडे सीरीज, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच पांच मैचों की सीरीज और संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के बीच तीन मैचों की सीरीज के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा गया है.

कोहली की अगुआई वाली बल्लेबाजी रैंकिंग में केदार जाधव (आठ स्थान के फायदे से 35वें स्थान पर) को भी फायदा हुआ है. दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों में क्विंटन डिकाक (एक स्थान के फायदे से आठवें), हाशिम अमला (तीन स्थान के फायदे से 13वें) और रीजा हेंड्रिक्स (36 स्थान के फायदे से 94वें) बल्लेबाजी रैंकिंग में आगे बढ़े हैं, जबकि गेंदबाजी रैंकिंग में एंडिले फेहलुकवायो 13 स्थान के फायदे से 19वें स्थान पर पहुंच गए हैं. ड्वेन प्रिटोरियस 53वें से 44वें स्थान पर पहुंचे हैं.

टीम रैंकिंग में न्यूजीलैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका के पीछे चौथे स्थान पर खिसक गई है. आठ मैचों की सीमा पार करने के बाद नेपाल को पूर्ण रैंकिंग में जगह मिली है और यूएई पर 2-1 की जीत के बाद दोनों टीमों के 15 अंक हैं. यूएई हालांकि दशमल अंक तक गणना करने पर बेहतर स्थिति के कारण 14वें जबकि नेपाल 15वें स्थान पर है.

Friday, February 1, 2019

सुब्रत रॉय को 28 फरवरी तक पेश होने का आदेश, 25,700 करोड़ जमा नहीं किए

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय को 28 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया। कोर्ट ने सेबी-सहारा मामले में निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए 25,700 करोड़ रुपए जमा नहीं करने पर गुरुवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, "हमने सहारा को पैसे लौटाने के लिए छह महीने दिए। उसने इस अवधि में सभी रुपए नहीं लौटाए, जिससे कोर्ट का भरोसा उन पर कमजोर हुआ।"

कोर्ट ने अतिरिक्त समय देने से इनकार किया
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एसके कौल की पीठ ने कहा कि हमने पिछले आदेश में ग्रुप को रुपयों की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। ग्रुप ने अब तक केवल 15 हजार करोड़ ही जमा किए।

पीठ ने कहा कि दिए गए समय में रुपयों की व्यवस्था ना करने से कोर्ट का भरोसा ग्रुप पर से कम हुआ है। अब हम अपने आदेशों के पालन के लिए ग्रुप के प्रमुख रॉय और दूसरे निदेशकों को और ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं।

पीठ ने कहा कि अब हम इस मामले में आगे बढ़ेंगे, कानून अपना काम करेगा। सुब्रत रॉय और दूसरे डायरेक्टर तय तारीख पर स्वयं कोर्ट में मौजूद रहें।

सुब्रत रॉय 4 मार्च 2014 को जेल गए थे। इसके बाद 6 मई 2016 को उनकी मां की मौत हो गई थी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें परोल दी गई थी। इसके बाद से ये परोल बढ़ती रही है।

सहारा ग्रुप की 2 कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्टर्स से 17,400 करोड़ रुपए जुटाए थे।

सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा किए, जिसके बाद सेबी ने अगस्त 2010 में दोनों कंपनियों की जांच के आदेश दिए थे।

कंपनियों में गड़बड़ी मिलने पर विवाद बढ़ता गया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को निवेशकों के 36 हजार करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया।

अंतरिम बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार में उछाल आया। सेंसेक्स 370 अंकों की बढ़त के साथ 36,626 के स्तर पर पहुंच गया। शेयर बाजार गुरुवार को 665 अंकों की तेजी के साथ 36,256 पर बंद हुआ था। तब विदेशी निवेशकों ने 3,006.41 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। घरेलू निवेशकों ने 1,634.32 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी।

शुक्रवार को कारोबार के शुरुआती घंटों में एनएसई पर जी एंटरटेनमेंट और मारुति के शेयरों में 3% तक उछाल आया। वहीं, वेदांता का शेयर 17% लुढ़क गया। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे खराब रहने की वजह से शेयर में बिकवाली बढ़ी। वेदांता का मुनाफा दिसंबर तिमाही में 25.5% घट गया। कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद नतीजे घोषित किए थे।