Tuesday, November 20, 2018

बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का सरेंडर, बुर्के में पहुंचीं कोर्ट

बिहार की पूर्व मंत्री और बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की आरोपी मंजू वर्मा ने बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. मंजू वर्मा आर्म्स एक्ट मामले में फरार चल रही थीं. पुलिस को कई महीने से उनकी तलाश थी.

मंजू वर्मा मंगलवार को नाटकीय अंदाज में बुर्का पहने कोर्ट पहुंची और सरेंडर किया. वे अपनी निजी गाड़ी से न आकर टेंपू से अदालत पहुंची ताकि इसकी भनक किसी को न लगे. वर्मा सरेंडर करने से पहले कोर्ट परिसर में कई बार बेहोश होते देखी गईं.

हाल में कोर्ट की ओर से पिछले 3 महीने से फरार मंजू वर्मा की संपत्ति की कुर्की-जब्ती शुरू करने संबंधी आदेश के बाद शनिवार को इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई. कोर्ट की ओर से मंजू वर्मा की संपत्ति की कुर्की-जब्ती का आदेश जारी होने के बाद बेगुसराय स्थित उनके आवास को कुर्क करने का काम शुरू हो गया. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनके घर को तोड़ा गया. बेगूसराय एसपी अवकाश कुमार के नेतृत्व में मंजू वर्मा की संपत्ति की कुर्की प्रक्रिया शुरू की गई.

बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल कोर्ट ने पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंजू वर्मा के इश्तेहार और कुर्की-जब्ती के आदेश दे दिए. आर्म्स एक्ट में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद फरार चल रही मंजू वर्मा को सरेंडर करने के लिए दबाव बनाने के इरादे से बेगूसराय पुलिस ने कोर्ट में उनकी कुर्की-जब्ती के लिए याचिका दायर की थी.

मंजू वर्मा के वकील सत्यनारायण महतो ने बताया कि पटना हाईकोर्ट से कई बार अग्रिम जमानत की याचिका खारिज किए जाने के बाद अब उन लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी. पुलिस ने बेगूसराय और झारखंड के कई इलाकों में मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी.

पंजाब के अमृतसर ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया खुलासा किया है. खुफियां एजेंसियों का दावा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी और मुंबई हमले में मोस्ट वॉन्टेड हाफिज सईद पंजाब में आतंकवाद फैलाने की साजिश रच रहा है.

गौरतलब है कि दिल्ली में जांच ऐजेंसियों की एक बैठक में पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल सिंह चावला को लेकर कई सूचनाएं साझा की गई थीं. सूत्रों के अनुसार गोपाल सिंह चावला पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तयबा चीफ हाफिज सईद के साथ मिलकर पंजाब में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है.

कुछ महीनों पहले पाकिस्तान में हाफिज सईद से चावला की मुलाकात की फोटो भी जांच एजेंसियों के हाथ लगी थी. इससे खालिस्तान समर्थकों के पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से रिश्ते होने की आशंका पुष्टी मानी जा रही है. सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए गोपाल सिंह चावला के भड़काऊ बयान पोस्ट किए जा रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया के जरिए ही लड़कों को खालिस्तान के लिए नियुक्त किया जा रहा है. एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पंजाब में धार्मिक संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के कार्यकर्ता निशाने पर हैं.

पंजाब में 8 आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में एनआईए ने यह खुलासा किया था. साजिश के पीछे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के लीडर, पाकिस्तान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली और सऊदी अरब अमीरात में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकियों ने पंजाब को टारगेट कर हमलों को अंजाम दे रहे हैं.

Monday, November 19, 2018

कितने में ब‍िकती है तैमूर की एक Photo, सैफ ने किया खुलासा

करीना कपूर-सैफ अली खान के बेटे तैमूर अली खान क‍िसी सुपरस्टार से कम नहीं हैं. सोशल मीड‍िया पर हमेशा चर्चा बटोरने वाले तैमूर की तस्वीरें खूब वायरल होती हैं. लेकिन छोटे नवाब की एक तस्वीर की क्या कीमत होती है, इसके बारे में शायद ही लोगों को बहुत जानकारी हो.

सैफ अली खान अपनी बेटी सारा के साथ करण जौहर के चैट शो कॉफी व‍िद करण में पहुंचे थे. यहां उन्होंने कई सवालों के जवाब द‍िए. इसी दौरान सैफ से करण ने तैमूर से जुड़े सवाल भी किए. करण जौहर के साथ बातचीत में सैफ ने बताया, "तैमूर की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर आती हैं उनकी कीमत 1500 रुपये प्रति फोटो होती है. " सैफ के अनुसार, "उन्हें इस बात की जानकारी उनके ससुर रणधीर कपूर ने दी थी कि Paparazzi तैमूर की फोटो के लिए ये कीमत लेते हैं."

इस बीच सैफ अली खान ने मजाक में यह भी कहा, अगर उन्हें तैमूर अली खान के माध्यम से अच्छा रुपये कमाने को मिलता है तो उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है. चैट शो में सैफ ने ये भी बताया कि जब मैनें करीना से इस बात का ज‍िक्र किया तो उसने कहा, तुम बहुत चीप हो. 

सारा को इस नाम से बुलाते हैं तैमूर

बता दें कि प‍िछले द‍िनों सैफ ने खुलासा किया था कि तैमूर उन्हें अब्बा कहने के साथ कई बार सर कहकर बुलाते हैं. इसकी खास वजह ये है कि वो ज्यादातर वक्त नैनी के साथ ब‍िताते हैं. उसकी नैनी मुझे सर बुलाती है और वो जो सुनता है वही बोलता है. वहीं एक चैट शो में सारा ने बताया कि तैमूर, करीना को अम्मा कहकर बुलाता है, सैफ को अब्बा और इब्राह‍िम को भाई लेकिन उन्हें गोल कहकर बुलता है. इसके पीछे वजह क्या है इसका अंदाजा सारा को भी नहीं है.

आतंकी जाकिर मूसा और उसके साथियों के किसी बड़े वारदात की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट पर अमृतसर के एक गांव में धमाका हुआ है. धमाके में 3 की मौत हो गई है. वहीं पुलिस एफआईआर के मुताबिक 22 लोग घायल हुए हैं. इनमें से कई की हालत गंभीर है. इस घटना की जांच को NIA टीम रविवार देर रात अमृतसर पहुंच गई है. NIA टीम की अगुवाई मुकेश सिंह कर रहे हैं.

इससे पहले पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम आतंकियों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे. जबकि पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि हम इसे आतंकी हमला मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इस हमले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं.

Friday, November 16, 2018

क्या आप जानते हैं आपके घर की हवा बाहर से ज़्यादा प्रदूषित है

घर एक ऐसी जगह है जहां लोग सुकून की सांस लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर के अंदर की हवा बाहर से ज़्यादा प्रदूषित है।चाहे वो घर के अंदर खाना पकाना हो या अन्य हानिकारक रसायनों और अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल करना हो, घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। इन्हीं कारणों से बाहरी वायु प्रदूषण की तुलना में घर के अंदर का प्रदूषण 5 गुना * अधिक सेहत को नुकसान पहुँचाता है। जिससे सांस लेने में परेशानी, अस्थमा और फेफड़ों में दिक्कत भी आ सकती है।

तो चलिए जानते हैं कि किस तरह आप अपने घर के प्रदूषण को कम कर सकते हैं:
· घरेलू सजावट में पौधों को अधिक शामिल करें, अरेका पाम,मनी प्लांट जैसे पौधे ताजा हवा का अच्छा स्रोत हो सकते हैं।
· घर में इस्तेमाल होने वाले रेफ्रिजरेटर और ओवन जैसे उपकरणों से भी हानिकारक गैसों निकलती है तो हमेशा ये सुनिश्चित करें कि नियमित अंतराल पर उनकी सर्विस होती रहे।
· घर पर कीटनाशकों बजाय जैव-अनुकूल उत्पादों का उपयोग करें।
इन सभी के इस्तेमाल से हम घर में फैले वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं लेंकिन एक और तरीका है जिससे आप घर में फैले प्रदूषण को न केवल कम कर सकते हैं बल्कि हवा को शुद्ध भी बना सकते हैं।

तो आइए जानें कि वो कौन सा न्यू ट्रेंड है जो आपके घर को सुंदरऔर सुरक्षित बनाएगा:

दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के समय लोग साज- सजावट के साथ घर में रंगीन और डिज़ाइनर पेंट करवाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि दीवारों पर लगने वाला पेंट भी घर के अंदर फैले प्रदूषण को कम करने में सहायक हो सकता है। एशियन पेंट्स का रोयाल एटमोस एक ऐसा ही पेंट है जिसमें एक्टिवेटेड कार्बन टेक्नालोजी है जो फोर्मल्डीहाइड, VOC और मलोडोर के जरिये हवा क्लीन करने के साथ प्रदूषण को कम करता है।
आइए जानें रोयाल एटमोस में क्या है खास:
· घर में पेंट होने के बाद की सुगंध शायद ही किसी को पसंद हो, लेकिन रोयाल एटमोस में हल्की ताजा सुगंध होती है।
· एशियन पेंट्स का ग्रीन एषयोर वादा दर्शाता है कि यह उत्पाद सख्त अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण और सुरक्षा मानकों के अनुरूप है।
· रोयाल एटमोस आपके घर की दीवारों को स्मूथ मैट फिनिश देता है जो दीवारों को शानदार बनाता है।
· टेफ़लोन सरफेस प्रोटेक्टर के गुणों के साथ रोयाल एटमोस मुश्किल से मुश्किल दागों से भी दीवारों की रक्षा करता है साथ ही दीवारों को मजबूती भी देता है।

तो अब जब भी पेंट करवाएं, रोयाल एटमोस का ही इस्तेमाल करें। ये आपके घर को प्रदूषण-मुक्त रखेगा और घर की दीवारों को एक रॉयल लुक एंड फील भी देगा।

डिस्क्लेमर (*): ये तथ्य ओक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एड्मिनिसट्रेशन, एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेन्सीस, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और इंटरनल रिसर्च के आधार पर है।

Sunday, November 4, 2018

दूसरे विश्वयुद्ध के लिए ईजाद किया गया था ये खाना

भूख और ज़रूरत इंसान से कुछ भी करा सकती है. पेट की आग बुझाने के लिए खाना तो दरकार है ही. इस भूख ने ही इंसान को तरह-तरह के पकवान बनाने के लिए मजबूर किया.

हरेक देश में कोई ना कोई पारंपरिक पकवान ज़रूर है जो खास मौकों पर ही तैयार किया जाता है.

इन पकवानों का वजूद कभी खुशहाली के माहौल में अमल में आया तो कभी ख़स्ताहाली ने रूखे-सूखे टुकड़ों से नया पकवान बनाना सिखा दिया.

खास तौर से जंग के मौक़ों पर जब खाने की कमी होती थी, तो लोग बचा हुआ खाना संभाल कर रखते थे और फिर उसी से नया पकवान तैयार कर लेते थे.

ऐसे खानों की अनगिनत रेसिपी मौजूद हैं और उन पर किताबें भी लिखी गई हैं.

सबसे पहले बात करते हैं द व्हैकी केक की. कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमरीकियों ने ये केक पकाना सीखा था.

आम तौर पर केक मैदा, दूध, मक्खन, अंडे वग़ैरह से तैयार किया जाता है. लेकिन व्हैकी केक में सिर्फ़ वेजिटेबल ऑयल, आटा और चीनी का इस्तेमाल होता है. साथ में बेकिंग सोडा और सिरका मिलाया जाता है.

केक इतिहासकार लॉरा शैपिरो का कहना है कि इस केक के बनाने का तरीक़ा बहुत सादा है. लेकिन ये मानना थोड़ा मुश्किल है कि लोगों ने इसे युद्ध के समय बनाना सीखा था. हो सकता है घर में मौजूद सामानों से ही महिलाओं ने इसे बनाना सीख लिया हो. लेकिन इसमें जिस तरह बहुत कम चीज़ों का इस्तेमाल होता है, उससे लगता है कि राशन की कमी के चलते ही ऐसा हुआ होगा.

इसी तरह का एक और पकवान है, मॉक गूज़ जिसे दूसरे विश्वयुद्ध की राशन रेसिपी में शामिल किया गया था.

अंग्रेज़ी की लगभग हज़ार साल पुरानी कुकरी की किताबों में इसका ज़िक्र मिलता है. माना जाता है कि इसमें सेंके हुए बतख़ का इस्तेमाल होता है.

लेकिन 1747 में हाना ग्लास नाम की लेखिका ने अपनी किताब द आर्ट ऑफ़ कुकिंग में लिखा है कि इसमें सुअर के गोश्त की स्टफ़िंग की जाती है.

1897 में अख़बार 'हल डेली मेल' में इसे पकाने का तरीक़ा लिखा गया जिसमें आलू और सॉसेज का इस्तेमाल बताया गया.

इस पकवान का मक़सद गोश्त के बिना किफ़ायत से लज़ीज़ खाना तैयार करने का रहा होगा.

लेकिन अगर ऐसा था तो इसमें बतख़ का इस्तेमाल क्यों किया गया. चीन में आज भी ये पकवान तैयार होता है और इसमें बतख़ के गोश्त की जगह सोयाबीन भरा जाता है.

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के कब्ज़े वाले यूनान की राजधानी एथेंस में हालात और भी ज़्यादा संगीन थे. 2011 में ग्रीस के इतिहासकार एलेनी निकोलाइडू ने एक किताब लिखी स्टारविंग रेसिपी.

इसमें उन पकवानों का ज़िक्र था जिन्हें युद्ध के दौरान यूनान के लोगों ने अपनाया था. यूनान के अख़बारों में भी इसका ज़िक्र मिलता है. ये वो वक़्त था जब लोग भूख से मर रहे थे.

कुछ रेसिपी में तो सिर्फ़ यही बताया गया था कि जो कुछ खाया जाए उसे धीरे-धीरे चबा कर खाया जाए ताकि पेट में खाना कम जाए और भूख का एहसास ख़त्म होने लगे.

खाते समय जितने टुकड़े गिरें उन्हें उठाकर रख लीजिए और भूख लगने पर पानी में भिगोकर खा लीजिए.