Monday, December 31, 2018

फर्जी स्टांप पेपर घोटाला: मौत के एक साल बाद अब्दुल करीम तेलगी बरी

मौत के एक साल बाद 20 हजार करोड़ रुपये के स्टांप पेपर घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को बरी कर दिया गया है.  महाराष्ट्र के इस बहुचर्चित घोटाले में आठ अन्य लोगों को भी बरी किया गया है. नासिक की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं, मौत के बाद तेलगी के खिलाफ घोटाले के आरोप को हटा लिया गया है. फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह बेंगलुरु के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. उस पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज पी आर देशमुख ने यह फैसला सोमवार को सुनाया. रेलवे सुरक्षा बल के अफसर और कर्मचारी भी इस मामले में आरोपी थे. बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान ही करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के आरोपी तेलगी का पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था. उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.

बता दें कि तेलगी को नवंबर, 2001 में अजमेर से गिरफ्तार किया गया था. वह बीते 20 वर्षों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था. उसे एड्स समेत कई बीमारियां थीं. करोड़ों रुपये के घोटालों में दोषी करार दिए गए तेलगी की लंबी बीमारी के बाद 26 अक्तूबर को बेंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी ने अर्जी में दावा किया कि तेलगी की आखिरी इच्छा यह थी कि घोटाले के पैसों से बनाई गई उनकी सारी संपत्ति सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाए. अर्जी की सुनवाई तीन फरवरी को होने की संभावना है.

आगामी 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के पलामू दौरे पर होंगे. वो आधा घंटा वहां रुकेंगे और इस दौरान कई सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम में काले कपड़े पहनने या काले रंग का सामान ले जाने पर रोक लगा दी गई है.

पलामू के पुलिस कप्तान इंद्रजीत महथा ने इस बाबत पलामू, लातेहार, गढ़वा और चतरा के डीसी को एक पत्र लिखा है. 29 दिसंबर, 2018 को लिखे गए इस पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि कार्यक्रम में आने वाले किसी भी सरकारी कर्मचारी या सामान्य लोगों को किसी भी प्रकार का काला सामान या वस्त्र नहीं लाना है. इतना ही नहीं, इस पत्र में उन सभी सामानों के नाम तक लिखे गए हैं जिन्हें खास तौर से नहीं लाना है. पत्र में लिखा गया है, 'निर्देशित कर दिया जाए कि माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार के कार्यक्रम सभा स्थल पर कोई भी कर्मी/लोग काले रंग की पोशाक जैसे-काले रंग की चादर, पैंट, शर्ट, कोट, स्वेटर, मफलर, टाई, जूता, मोजा आदि पहनकर या काले रंग का बैग, पर्स, कपड़ा आदि लेकर सभा स्थल पर न आएं. तथा सभी कर्मी/लोग अपने साथ कोई भी पहचान पत्र अवश्य लाएं.’

इस पत्र के बारे में बात करने के लिए पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.  हालांकि, एक स्थानीय अखबार इस से बारे में बात करते हुए उन्होंने इस कदम को सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. उन्होंने बताया, 'यह आंतरिक मामला है. सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा किया जा रहा है, ताकि सभा स्थल पर किसी को काला कपड़ा या काला सामान की वजह से परेशानी न हो.'

बता दें कि इसी साल जुलाई में पीएम मोदी राजस्थान की राजधानी जयपुर में थे. वहां राज्य भर से करीब सवा दो लाख सरकारी योजनाओं के लाभार्थी मोदी से सीधे संवाद का कार्यक्रम था, लेकिन जो लोग काली पैंट, काला दुपट्टा, काली टोपी पहन कर आ गए थे उन्हें सभा में जाने से रोक दिया गया था. मोदी की सभा में काले कपड़े पहन कर आने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा. लोगों की काली बनियान तक उतरवा ली गई थी.

Wednesday, December 26, 2018

4 माह की मासूम बेटी को मारकर पति से बोली पत्नी- सबको दे दी मुक्ति

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हत्या का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने ही अपनी मासूम बेटी को मौत के घाट उतार दिया. मृतक बच्ची केवल चार माह की थी. आरोपी मां ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. महिला के पति ने पुलिस को बताया कि वो पहले भी बेटी को मारने की धमकी दे चुकी थी.

वारदात लखनऊ की रवींद्र विहार कॉलोनी की है. जहां बृजनंदन तिवारी अपनी पत्नी शुभ्रा के साथ रवींद्र अपार्टमेंट में रहते हैं. मंगलवार की सुबह बृजनंदन ने पुलिस को फोन करके बताया कि उसकी पत्नी ने उसकी 4 वर्षीय बेटी का कत्ल कर दिया है. पुलिस मौके पर जा पहुंची तो देखा कि उनके कमरे में बेड पर बच्ची की लाश पड़ी थी. उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था.

पुलिस ने बृजनंदन तिवारी की शिकायत पर उसकी पत्नी शुभ्रा को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मां ने पुलिस को बताया कि उसने पहले बच्ची के मुंह में कपड़ा ठूंसा और फिर उसकी नाक दबाकर बंद कर दी. जिससे मासूम ने दम तोड़ दिया. सोमवार की रात शुभ्रा अपनी बेटी अद्विता के साथ कमरे में सोई थी जबकि उसका पति बृजनंदन बाहर के कमरे में सो रहा था.

बृजनंदन तिवारी ने पुलिस को बताया कि मंगलवार सुबह उसकी पत्नी शुभ्रा ने कमरे से बाहर आकर उसे बताया कि उसने बेटी को मारकर सबको मुक्ति दे दी है. जब उसने बेटी की लाश देखी और पुलिस को फोन किया. पूछताछ में शुभ्रा ने पुलिस को बताया कि वह अच्छी मां नहीं बन सकी इसलिए मासूम बेटी को मार डाला.

पुलिस के अनुसार वर्ष 2009 में बृजनंदन और शुभ्रा ने लव मैरिज की थी. इसके बाद तीन बार शुभ्रा का गर्भपात हुआ था. इसके बाद उसने बेटी को जन्म दिया था. पुलिस के मुताबिक शुभ्रा डिप्रेशन का शिकार थी. हालांकि पुलिस कई एंगल से इस मामले की छानबीन कर रही है.

वैसे इस छंटे हुए बदमाश का ये जुमला अपनी जगह था, क्योंकि इस पर इस क़त्ल से पहले भी जुर्म के तीस से ज़्यादा मामले दर्ज हैं. पांडव नगर पुलिस के मुताबिक 9 नवंबर की रात करीब 1 बजे सिद्धांत नामक बदमाश 24X7 नाम के एक डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर खड़ा था. वो अपनी कार में एक दोस्त के साथ वहां कुछ खाने पहुंचा था. तभी योगेश वहां अपने बीमार भाई के लिए कुछ खरीदने पहुंचा. इसी दौरान पहले दोनों के बीच गाड़ी की पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ और फिर स्टोर के गेट पर दोनों का कंधा एक-दूसरे से टच हो गया. बस इसी बात पर दोनों में विवाद कुछ इतना बढ़ा कि योगेश ने गुस्से में आकर वहीं पड़ी एक रॉड से सिद्धांत की कार का शीशा तोड़ दिया. इससे सिद्धांत इतना गुस्सा हुआ कि उसने योगेश पर पांच गोली चलाई और फ़रार हो गया.

उधर, योगेश के दोस्त उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. उसे दो गोली लगी थी और डॉक्टरों ने उसे मुर्दा करार दे दिया. क़त्ल की इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. पुलिस के मुताबिक 24×7 के बाहर लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज, लोकल नेटवर्क और दूसरे इनपुट के ज़रिए पुलिस को सिद्धांत का पता चल पाया. सिद्धांत ने पुलिस से बचने के लिए अपनी दाढ़ी मुड़वा ली थी और गाड़ी का नंबर प्लेट भी चेंज कर ली थी. लेकिन आख़िरकार वो पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया.

बहरहाल, अब पुलिस ने इस मामले को तो सुलझा लिया है. लेकिन योगेश के घरवालों का ज़ख्म अब कभी नहीं भरेगा. योगेश शादीशुदा था और उसे एक बेटी भी है, जबकि उसकी वाइफ़ प्रेग्नेंट है. ऐसे में महज़ गुस्से ने एक पूरे के पूरे परिवार को तबाह कर दिया.

Monday, December 17, 2018

भारत को तीसरा झटका, कप्तान विराट कोहली लौटे पवेलियन

टॉस जीतकर बैटिंग करने उतरी ऑस्ट्रेलिया अपनी पहली पारी में  326 रन पर सिमट गई. इसके बाद पहली पारी खेलने उतरी टीम इंडिया 283 रन पर ऑलआउट हो गई. इस तरह पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को 43 रनों की बढ़त मिली. दूसरी पारी में भारत ने मोहम्मद शमी की घातक गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को 243 रनों पर ढेर कर दिया, जिसके बाद भारत को जीत के लिए 287 रनों का टारगेट मिला. लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने 3 विकेट गंवा कर 55 रन बना लिए हैं. मुरली विजय (20 रन) और अजिंक्य रहाणे (7 रन) क्रीज पर हैं.

रन के स्कोर पर हेजलवुड ने चेतेश्वर पुजारा को विकेट के पीछे कप्तान टिम पेन के हाथों कैच आउट करा दिया और भारत को दूसरा झटका भी दे दिया. पुजारा 4 रन बनाकर आउट हुए. पर्थ के इस नए स्टेडियम की पिच पर बल्लेबाजी करना काफी मुश्किल हो गया है. पिच से गेंदबाजों को असमान उछाल और मूवमेंट मिल रही है.
शमी के 'छक्के' से कंगारू टीम 243 रनों पर हुई ढेर

दूसरी पारी में भारत ने मोहम्मद शमी की घातक गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को 243 रनों पर ढेर कर दिया, जिसके बाद भारत को जीत के लिए 287 रनों का टारगेट मिला. टीम इंडिया के लिए शमी ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट झटके. शमी ने 24 ओवर में 56 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए हैं. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उस्मान ख्वाजा ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा 72 रन बनाए.

नाथन लियोन (5) को हनुमा विहारी के हाथों कैच आउट कराकर मोहम्मद शमी ने अपना छठा विकेट लिया. ऑस्ट्रेलिया का पांचवां विकेट 192 के स्कोर पर गिरा था, महज 15 रन के अंदर कंगारू टीम के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट गए.

इसके बाद मिशेल स्टार्क (14) और जोश हेजलवुड (नाबाद 17) ने आखिरी विकेट के लिए महत्वपूर्ण 36 रन जोड़े जिसकी बदौलत आस्ट्रेलिया 243 रन के स्कोर पर तक पहुंच पाई. बुमराह ने स्टार्क को बोल्ड कर मेजबान टीम को 243 रन पर ऑलआउट कर दिया.

ऑस्ट्रेलिया ने जहां पहले सेशन में 58 रन जोड़ने के बाद एक भी विकेट नहीं गंवाया था, वहीं दूसरे सेशन में उसने केवल 53 रन के अंदर अपने छह विकेट गंवा दिए.

कोहली के शतक से पहली पारी में 283 तक पहुंचा भारत
पहली पारी में टीम इंडिया कप्तान विराट कोहली के शतक के बावजूद 283 रन पर ऑलआउट हो गई. इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 43 रनों की बढ़त मिली. भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली ने सबसे ज्यादा 123 रन की पारी खेली. उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 51 रन, ऋषभ पंत ने 36 रन और चेतेश्वर पुजारा ने 24 रन बनाए.

शमी की गेंद पर विराट कोहली ने पेन का कैच लपका. इसके बाद एरॉन फिंच वापस बल्लेबाजी करने आए और उसी स्कोर पर पवेलियन लौट गए. मोहम्मद शमी ने फिंच को विकेट के पीछे पंत के हाथों कैच आउट करा दिया.

Thursday, December 13, 2018

19-20 दिसंबर को मुंबई में प्रियंका-निक का रिसेप्शन, देखें कार्ड

प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने बॉलीवुड के लिए 20 दिसंबर को मुंबई में खास रिसेप्शन रखा है. दोनों ने जोधपुर में 2 दिसंबर को शादी की थी. इस शादी समारोह में सिर्फ 80 मेहमान की शामिल हुए थे. अब प्रियंका और निक बॉलीवुड के अपने खास दोस्तों के लिए 20 दिसंबर को होटल द बालरूम ताज लैंड में रिसेप्शन रख रहे हैं.

प्रियंका चोपड़ा ने अपने रिसेप्शन का कार्ड भी जारी किया है. कार्ड पर उन्होंने सबसे पहले अपने स्वर्गीय पिता का नाम लिखा. यह कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रियंका और निक की इस रिसेप्शन पार्टी में बॉलीवुड के लगभग सभी दिग्गज कलाकारों के आने की उम्मीद है.

प्रियंका और निक 19 दिसंबर को भी एक रिसेप्शन रखेंगे, जिसमें उनकी फैमिली के परिचित शामिल होंगे. प्रियंका के जोधपुर में हुए शादी समारोह में बहुत ही सीमित लोग शामिल हो सके थे. बता दें कि एक रिसेप्शन प्रियंका ने दिल्ली में 4 दिसंबर को भी दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे.

प्रियंका के सिंदूर-चूड़ा पहनने पर उठे सवाल, मां मधु चोपड़ा ने दिया करारा जवाब

बता दें, प्रियंका-निक की शादी में पूरा जोनस परिवार भारत पहुंचा था. जो जोनस के साथ उनकी पार्टनर सोफी टर्नर भी शादी का हिस्सा बनीं. इंडियन वेडिंग में सोफी और जोनस परिवार भारतीय रंग में रंगा हुआ नजर आया.

जोधपुर के आलीशान उम्मेद भवन में 1-2 दिसंबर को प्रियंका चोपड़ा-निक जोनस की शादी हुई. हिंदू वेडिंग में प्रियंका-निक ने सब्यासाची के आउटफिट पहने थे. शादी के बाद कपल ने पहला रिसेप्शन दिल्ली के ताज पैलेस में दिया. रिसेप्शन में परिवारवाले और करीबी रिश्तेदार शामिल हुए.

पिछड़ गए 'महाराज'!

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की रेस में थे. सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे हैं जिसका फायदा उन्हें मिलता हुआ दिख रहा था. हालांकि, अनुभव की कमी होना सिंधिया के खिलाफ जाता दिखा. महाराज के नाम से मशहूर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मुकाबले दिल्ली में अधिक काम किया है. शायद यही कारण रहा कि राहुल ने बतौर मुख्यमंत्री उन्हें नहीं चुना. साफ है कि राहुल गांधी की नजर अब 2019 पर है और वो कमलनाथ के अनुभव का फायदा लेना चाहते हैं.

क्यों खास हैं कमलनाथ?

शिवराज सिंह चौहान के विपरीत कमलनाथ को एक समृद्ध राजनेता के तौर पर देखा जाता है. कमलनाथ का जन्म कानपुर में हुआ और वह कोलकाता में पले-बढ़े हैं. उनकी पढ़ाई दून स्कूल से हुई है. वह कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक हैं. कमलनाथ पहली बार 1980 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. उसके बाद 1985, 1989, 1991 तक लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे.

Monday, December 10, 2018

माइकल क्लार्क बोले- कोहली जैसा खुशमिजाज कोई नहीं

टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रन से हराकर एडिलेड ओवल टेस्ट जीत लिया है। इस जीत के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) और टीम इंडिया की जमकर तारीफ हो रही है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को कोहली का मैदान पर रवैया कई बार पसंद नहीं आता लेकिन टीम इंडिया के ‘चीकू’ को इसकी परवाह नहीं। उनका अपना अंदाज है। एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे तो कोहली तीसरी स्लिप में खड़े होकर भांगड़ा के स्टेप्स करते नजर आए। दूसरी पारी में भी फिंच का विकेट गिरने के बाद कोहली की ‘डांस मस्ती’ नजर आई। बाद में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने टीवी पर कहा- आप कोहली के बारे में कुछ भी कहें लेकिन, ये सही है कि मैदान पर उनके जैसा खुशमिजाज और जिंदादिल प्लेयर आज की क्रिकेट में नजर नहीं आता।

कोहली का डांस और वीडियो वायरल
पहली पारी में जब कोहली फील्डिंग कर रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई पारी लड़खड़ा रही थी। बुमराह और शमी की गेंदों की रफ्तार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की समझ से बाहर थी और वो तब जबकि वो अपने ही मैदान पर खेल रहे थे। इसी दौरान ऋषभ पंत ने कोहली से कुछ कहा। कोहली काफी देर तक तो हंसते रहे। इसके बाद वो डांस स्टेप्स करते नजर आए। इन्हें आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि वो भांगड़ा के डांस स्टेप्स जैसे थे। यह सिलसिला कई सेकंड्स तक जारी रहा। दूसरी पारी में भी, जब एरोन फिंच अश्विन की गेंद पर आउट हुए तो इसके कुछ देर बाद कोहली इसी मूड में नजर आए।

क्लार्क हुए कोहली के मुरीद
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क कमेंट्री बॉक्स में थे। कोहली के डांस पर भारतीय दर्शक भी खुश हो गए। कैमरा जब दर्शकों की तरफ घूमा तो वो भी इसी अंदाज में नजर आए। इस पर क्लार्क बोले- इसमें कोई दो राय नहीं कि आप आज की क्रिकेट में विराट कोहली जैसा जिंदादिल और खुशमिजाज किक्रेटर नहीं पाते। वो मैदान का तनाव खुद पर ज्यादा हावी नहीं होने देते। वैसे बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब कोहली का यह अंदाज मैदान पर नजर आया हो। वो पहले भी कई बार बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग करते वक्त दर्शकों के साथ मस्ती करते नजर आ चुके हैं।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) अध्यक्ष एम के स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरुद्दीन अजमल, झारखंड विकास मोर्चा के बाबुलाल मरांडी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता शरद यादव भी इस बैठक में शामिल हुए।

खुद को बचाने के लिए साथ आ रहीं विपक्षी पार्टियां- भाजपा

भाजपा ने कहा कि विपक्ष की यह बैठक केवल फोटो खिचाने के लिए है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि भ्रष्ट विपक्षी दल खुद को बचाने के लिए साथ आ रहे हैं। वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महागठबंधन को पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करना चाहिए, इसके बाद उन्हें मोदी को हटाने के बारे में सोचना चाहिए।

Wednesday, December 5, 2018

योगेश राज की खौफनाक साजिश, बुलंदशहर में पता नहीं फिर क्या होता

एक दिसंबर से तीन दिसंबर तक बुलंदशहर में देश और दुनिया भर से आए करीब दस लाख मुसलमान एक इज्तिमा में हिस्सा ले रहे थे. तीन दिसंबर को इज्तिमा खत्म होता है. दस लाख की भीड़ अब अपने-अपने घर को लौटने लगती है. और ठीक उसी वक्त करीब चार सौ लोगों की भीड़ एक रास्ता जाम कर देती है. इज्तिमा से लौट रहे बहुत सारे लोग इसी रास्ते से गुजरने वाले थे. हालात बेहद तनाव भरे थे. आगे कुछ भी हो सकता था. और यहीं से ये सवाल उठ रहा है कि सोमवार को जो कुछ बुलंदशहर में हुआ क्या उसके पीछे साज़िश कुछ और थी?

दस लाख से ज़्यादा लोग इज्तिमा से लौट रहे थे. चार सौ के क़रीब भीड़ रास्ता रोके थी. मुट्ठी भर पुलिस वाले सामने खड़े थे. तीन दिसंबर को कुछ भी हो सकता था बुलंदशहर में.

एक दिसंबर 2018, दरियापुर, बुलंदशहर

आलमी इज्तिमा कमेटी, दरियापुर ने बुलंदशहर में इज्तिमा का आयोजन किया था. इज्तिमा में अमूमन शरई यानी शरीयत से जुड़े मसले और उनके हल की बातें की जाती हैं. साथ ही दीन के बारे में तालीम दी जाती है. तकरीरें होती हैं. इसका राजनीति या राजनीतिक बातों से कोई लेना-देना नहीं होता. अमूमन ऐसे इज्तिमा में देश के अलावा दुनिया के अलग-अलग मुल्कों के भी लोग शिरकत करते हैं. ये इज्तिमा एक दिसंबर से तीन दिसंबर तक होना था और इसके लिए बाकायदा प्रशासन से ज़रूरी इजाजत भी ली गई थी. हालांकि कहते हैं कि प्रशासन ने दो लाख लोगों की इजाजत दी थी. जबकि इज्तिमा में दस लाख से ज्यादा लोग आए थे. इज्तिमा के लिए बुलंदशहर के दरियापुर गांव के अलावा अरौली, अकबरपुर और मिरगूपुर गांव में भी इंतजाम किए गए थे. इज्तिमा के पहले दो दिन पूरी तरह शांति से गुजर जाते हैं. अब बस इज्तिमा का आखिरी दिन था.

3 दिसंबर, चिंगरावटी चौकी क्षेत्र, महाव गांव, बुलंदशहर

सुबह के करीब 11 बजे महाव गांव के करीब जंगल में जानवरों के कुछ अवशेष पड़े मिले. जिसपर आस-पास के गांवों के लोगों की नज़र पड़ी. कहा गया कि इज्तिमा में शामिल लोगों के लिए जो खाना बन रहा था. जंगल में उसी के अवशेष फेंके गए हैं. हालांकि किसी ने ये जानने की कोशिश नहीं की कि ये गाय के अवशेष थे, भैंस के या बकरे के. बस इसी के बाद स्थानीय लोग भड़क गए, या फिर उन्हें भड़काया गया.

शुरूआत 50-60 लोगों से हुई. उन्होंने चौकी चिंगरावठी के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनकी मांग थी कि पुलिस मामले की जांच कर फौरन एफआईआफ दर्ज करे और दोषियों को गिरफ्तार करे. प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग बुलंदशहर स्याना मार्ग पर भी पहुंच गए और रोड जाम कर दिया.

अब इसे इत्तेफाक कहिए या साजिश कि जिस वक्त ये सब शुरू हुआ ठीक उसी वक्त इज्तिमा खत्म हो चुका था और अब लाखों की भीड़ बुलंदशहर से अपने-अपने घर लौट रही थी. उनके घर जाने का एक रास्ता वो बुलंदशहर स्याना मार्ग भी था जिसे जाम कर दिया गया था.

पुलिस की सांसें फूल चुकी थीं. भीड़ उग्र थी. उधर, इज्तिमा से लोग वापस जा रहे थे. रास्ते में कुछ भी हो सकता था. भीड़ और इज्तिमा से लौट रहे लोगों में भिड़ंत हो सकती थी. कहते हैं कि इस चीज का अंदाजा पुलिस को भी था और पुलिस ने सुबह ही प्रशसान से और फोर्स की मांग की थी. मगर वक्त रहते फोर्स मुहैया नहीं कराई गई.

बाकी उस वक्त जो फोर्स मौजूद थी वो इस नाजुक हालात से निपटने के लिहाज से बेहद कम थी. और इसी का फायदा भीड़ ने उठाया. मौके पर अचानक अफवाह फैलाई जाती है. लोगों को उकसाया जाता है. दंगा भड़काया जाता है. भीड़ एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो जाती है. ये सब होते-होते भीड़ ने जब पुलिस चौकी पर हमला बोला तब तक तीन गांवों के करीब 400 लोग जमा हो चुके थे.

तलवार, लाठी, डंडे और देसी कट्टे से लैस भीड़ ने पहले पुलिस पर हमला किया, फिर चौकी पर, फिर गाड़ियों को आग के हवाले किया और आखिर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी. हालांकि जिस जगह भीड़ ने ये तमाम हंगामा किया, वो जगह इज्तिमा के आयोजन स्थल से करीब 50 किलोमीटर दूर थी. वर्ना अंदाजा लगाइए क्या कुछ हो सकता था.