प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने बॉलीवुड के लिए 20 दिसंबर को मुंबई में खास रिसेप्शन रखा है. दोनों ने जोधपुर में 2 दिसंबर को शादी की थी. इस शादी समारोह में सिर्फ 80 मेहमान की शामिल हुए थे. अब प्रियंका और निक बॉलीवुड के अपने खास दोस्तों के लिए 20 दिसंबर को होटल द बालरूम ताज लैंड में रिसेप्शन रख रहे हैं.
प्रियंका चोपड़ा ने अपने रिसेप्शन का कार्ड भी जारी किया है. कार्ड पर उन्होंने सबसे पहले अपने स्वर्गीय पिता का नाम लिखा. यह कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रियंका और निक की इस रिसेप्शन पार्टी में बॉलीवुड के लगभग सभी दिग्गज कलाकारों के आने की उम्मीद है.
प्रियंका और निक 19 दिसंबर को भी एक रिसेप्शन रखेंगे, जिसमें उनकी फैमिली के परिचित शामिल होंगे. प्रियंका के जोधपुर में हुए शादी समारोह में बहुत ही सीमित लोग शामिल हो सके थे. बता दें कि एक रिसेप्शन प्रियंका ने दिल्ली में 4 दिसंबर को भी दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे.
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बता दें, प्रियंका-निक की शादी में पूरा जोनस परिवार भारत पहुंचा था. जो जोनस के साथ उनकी पार्टनर सोफी टर्नर भी शादी का हिस्सा बनीं. इंडियन वेडिंग में सोफी और जोनस परिवार भारतीय रंग में रंगा हुआ नजर आया.
जोधपुर के आलीशान उम्मेद भवन में 1-2 दिसंबर को प्रियंका चोपड़ा-निक जोनस की शादी हुई. हिंदू वेडिंग में प्रियंका-निक ने सब्यासाची के आउटफिट पहने थे. शादी के बाद कपल ने पहला रिसेप्शन दिल्ली के ताज पैलेस में दिया. रिसेप्शन में परिवारवाले और करीबी रिश्तेदार शामिल हुए.
पिछड़ गए 'महाराज'!
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की रेस में थे. सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे हैं जिसका फायदा उन्हें मिलता हुआ दिख रहा था. हालांकि, अनुभव की कमी होना सिंधिया के खिलाफ जाता दिखा. महाराज के नाम से मशहूर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मुकाबले दिल्ली में अधिक काम किया है. शायद यही कारण रहा कि राहुल ने बतौर मुख्यमंत्री उन्हें नहीं चुना. साफ है कि राहुल गांधी की नजर अब 2019 पर है और वो कमलनाथ के अनुभव का फायदा लेना चाहते हैं.
क्यों खास हैं कमलनाथ?
शिवराज सिंह चौहान के विपरीत कमलनाथ को एक समृद्ध राजनेता के तौर पर देखा जाता है. कमलनाथ का जन्म कानपुर में हुआ और वह कोलकाता में पले-बढ़े हैं. उनकी पढ़ाई दून स्कूल से हुई है. वह कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक हैं. कमलनाथ पहली बार 1980 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. उसके बाद 1985, 1989, 1991 तक लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे.
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