Monday, December 31, 2018

फर्जी स्टांप पेपर घोटाला: मौत के एक साल बाद अब्दुल करीम तेलगी बरी

मौत के एक साल बाद 20 हजार करोड़ रुपये के स्टांप पेपर घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को बरी कर दिया गया है.  महाराष्ट्र के इस बहुचर्चित घोटाले में आठ अन्य लोगों को भी बरी किया गया है. नासिक की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं, मौत के बाद तेलगी के खिलाफ घोटाले के आरोप को हटा लिया गया है. फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह बेंगलुरु के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. उस पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज पी आर देशमुख ने यह फैसला सोमवार को सुनाया. रेलवे सुरक्षा बल के अफसर और कर्मचारी भी इस मामले में आरोपी थे. बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान ही करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के आरोपी तेलगी का पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था. उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.

बता दें कि तेलगी को नवंबर, 2001 में अजमेर से गिरफ्तार किया गया था. वह बीते 20 वर्षों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था. उसे एड्स समेत कई बीमारियां थीं. करोड़ों रुपये के घोटालों में दोषी करार दिए गए तेलगी की लंबी बीमारी के बाद 26 अक्तूबर को बेंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी ने अर्जी में दावा किया कि तेलगी की आखिरी इच्छा यह थी कि घोटाले के पैसों से बनाई गई उनकी सारी संपत्ति सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाए. अर्जी की सुनवाई तीन फरवरी को होने की संभावना है.

आगामी 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के पलामू दौरे पर होंगे. वो आधा घंटा वहां रुकेंगे और इस दौरान कई सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम में काले कपड़े पहनने या काले रंग का सामान ले जाने पर रोक लगा दी गई है.

पलामू के पुलिस कप्तान इंद्रजीत महथा ने इस बाबत पलामू, लातेहार, गढ़वा और चतरा के डीसी को एक पत्र लिखा है. 29 दिसंबर, 2018 को लिखे गए इस पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि कार्यक्रम में आने वाले किसी भी सरकारी कर्मचारी या सामान्य लोगों को किसी भी प्रकार का काला सामान या वस्त्र नहीं लाना है. इतना ही नहीं, इस पत्र में उन सभी सामानों के नाम तक लिखे गए हैं जिन्हें खास तौर से नहीं लाना है. पत्र में लिखा गया है, 'निर्देशित कर दिया जाए कि माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार के कार्यक्रम सभा स्थल पर कोई भी कर्मी/लोग काले रंग की पोशाक जैसे-काले रंग की चादर, पैंट, शर्ट, कोट, स्वेटर, मफलर, टाई, जूता, मोजा आदि पहनकर या काले रंग का बैग, पर्स, कपड़ा आदि लेकर सभा स्थल पर न आएं. तथा सभी कर्मी/लोग अपने साथ कोई भी पहचान पत्र अवश्य लाएं.’

इस पत्र के बारे में बात करने के लिए पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.  हालांकि, एक स्थानीय अखबार इस से बारे में बात करते हुए उन्होंने इस कदम को सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. उन्होंने बताया, 'यह आंतरिक मामला है. सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा किया जा रहा है, ताकि सभा स्थल पर किसी को काला कपड़ा या काला सामान की वजह से परेशानी न हो.'

बता दें कि इसी साल जुलाई में पीएम मोदी राजस्थान की राजधानी जयपुर में थे. वहां राज्य भर से करीब सवा दो लाख सरकारी योजनाओं के लाभार्थी मोदी से सीधे संवाद का कार्यक्रम था, लेकिन जो लोग काली पैंट, काला दुपट्टा, काली टोपी पहन कर आ गए थे उन्हें सभा में जाने से रोक दिया गया था. मोदी की सभा में काले कपड़े पहन कर आने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा. लोगों की काली बनियान तक उतरवा ली गई थी.

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